बच्चों का बचपन
बच्चों का बचपन
बंद कलियों को खिलने दो
बच्चों को बचपन जीने दो
है ये आसमान के फरिश्ते
उन्हें आसमान में उड़ने दो
दुनिया की बुराई से रखो दूर
अच्छे माहौल में उन्हें बढ़ने दो
स्कूल, पढ़ाई का बोझ ना डालो उन पर
घर के आंगन में इन्हें हंसी-खुशी से खेलने दो
दुनिया और घर के माहौल में मुरझाओ ना इन्हें
छोटी सी कलियां है घर के आंगन में इन्हें खिलने दो।
