बैरी चाँद
बैरी चाँद
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आसमान में चाँद क्यूँ अकेला है
रौशनी भी तो आयी है
तारों की भीड़ भी है
फिर आसमान में
चाँद क्यूँ
अकेला
रात अंधेरी है पास
उसके रौशनी है
पर बैर निभाए
साथ उसके
चकोर
बैरी चाँद हो गया है पर
आज भी इंतजार है
चाँद को अपनी
चकोर का
आसमान में चाँद क्यूँ अकेला है
रौशनी भी तो आयी है
तारों की भीड़ भी है
फिर आसमान में
चाँद क्यूँ
अकेला
रात अंधेरी है पास
उसके रौशनी है
पर बैर निभाए
साथ उसके
चकोर
बैरी चाँद हो गया है पर
आज भी इंतजार है
चाँद को अपनी
चकोर का