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Kunda Shamkuwar

Abstract

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Kunda Shamkuwar

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बातें

बातें

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बता कर चली गयी जो 

बात भी है वो कोई भला?

कोई मामूली ही बात होगी

जो बताकर कही चली गयी है


कोई खास ही होती जो बात 

वो बता कर नही जाती

भटकते रहती गुमसुम सी

थम कर दिल में रहती अंदर ही

 

बातें भी कैसी कैसी होती थी

कभी बे बात भी बात होती थी

अब बातों में अजनबियत सी है 

नजरें चुराकर बात होने लगी है 

  

वो जमाना अब कहाँ से लाएँ

जब बातों की भी बात होती थी

बातों बातों में वो बात भी 

दूर तलक जाती थी......



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