बाते हवाओ से
बाते हवाओ से
जहां तक जाती है नजर
देख लेती हूँ वहां तक
हवाओं से कर लेती हू बातें
दिल का हाल करती हूँ बयान
सोचती हूँ हर पल
इस दुनिया में कितना रहस्य
है छुपा
एक एक करके कैद कर लूँगी
उन रहस्य को
अपनी इस डायरी मे
क्यों बादल बनते हैं ?
क्यों चलती है ये हवा?
क्यों बरसता है पानी?
ना जाने फ़ूलों को क्या हुआ?