STORYMIRROR

Divyanjli Verma

Inspirational

4  

Divyanjli Verma

Inspirational

बाते हवाओ से

बाते हवाओ से

1 min
403


जहां तक जाती है नजर 

देख लेती हूँ वहां तक 

हवाओं से कर लेती हू बातें  

दिल का हाल करती हूँ बयान

सोचती हूँ हर पल 

इस दुनिया में कितना रहस्य 

है छुपा 

एक एक करके कैद कर लूँगी

उन रहस्य को 

अपनी इस डायरी मे 

क्यों बादल बनते हैं ?

क्यों चलती है ये हवा?

क्यों बरसता है पानी? 

ना जाने फ़ूलों को क्या हुआ?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational