बारिश सी यादें
बारिश सी यादें
अतीत के बादल से जब बारिश सी यादें बूंद बूंद कर बरसती है,
मन के तपते रेगिस्तान को सोंधी सोंधी यादों से भीगो जाती है,
रिमझिम बरसती यादों में भीग रोम-रोम करे शीतलता का एहसास,
यादों की बूंदें जब मन को छूकर जाती हर लम्हा हो जाता खास,
बेमौसम बरसती हैं जब यादें, खिल उठता है मन का उपवन,
यादों के स्पर्श मात्र से ही मुरझाई जिंदगी को मिलता नवजीवन,
जी चाहता है भीगते रहो यादों में समा जाओ अतीत की बांहों में,
भूलकर सारी दुःख तकलीफें बस थिरकते हैं पांव उन्हीं राहों में,
पुष्प पल्लवित होता हृदय, बचपन बरसता जब दिल के आंगन में,
फिर वही अठखेलियां करता मन, तैरने लगता कागज़ की नाव में,
मन की दहलीज़ जब भिगोती यादें हर खुशबू फीकी पड़ जाती है,
बरसती यादें जीवन में कभी सुकून तो कभी हलचल लेकर आती है।