बारिश की बूंदें
बारिश की बूंदें
तप्त हृदय को राहत पहुँचा दें,
आकुल हिय को सुकून दिला दे,
शीतलता तन मन हो छाई,
जब हो बारिश अपनों की याद दिला दे।
बारिश की बूँदें जब गिरे धरा पर,
मिट्टी की सोंधी खुशबू है आती।
तन मन आह्लादित हो कर के,
तन मन की है प्यास बुझा दे।
बारिश की बूँदें गिरकर,
किसानों के मन में आस जगा दें।
खेतों में हरियाली छा जाये,
धरा की छटा सुंदरतम दिखला दें।
याद दिलाये बचपन की बातें,
जब बारिश में थे हम खूब नहाते,
उमंग उत्साह था नहीं थमता,
मेघ गरज गरज के बरसते जाते।
विरह अग्नि में जलता है मन,
बारिश की बूंदें जब गिरे बदन,
पिय की याद बड़ी तड़पाये
धधक उठे तन में तपन।