बालकों में गोपाल
बालकों में गोपाल


बालकों में ही गोपाल है
करता न वो झुठजाल है
हम झूठ बोलते रहते है,
स्वार्थ में अंधे होते रहते हैं,
पर वो तो सच्चा लाल है
करता न वो झुठजाल है
सबसे पवित्र वो मन है,
बालक खुदा का तन है,
ये न मानता जातपांत है
बालकों के लिये,
सब बराबर सुर-ताल है
बालकों में ही गोपाल है
धर्म के प्रपंच न समझता,
न राजनीति के दांव-पेंच,
वो मानता सब ही यहाँ पे,
ख़ुदा के ही बने बाल है
इन्हें दे अच्छे संस्कार है
बनेगें ये श्रवण कुमार है
बालकों में ही गोपाल है
इनके बिना जग जंजाल है।