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डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Children

4  

डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Children

बाल कुंडलिया

बाल कुंडलिया

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4

कुंडलिया छंद

पल में बनते दोस्त वे ,पल में जाते रूठ।

भोले बच्चों को कभी ,रास न आता झूठ।।

रास न आता झूठ ,हमेशा मस्ती करते।

होते हैं निर्भीक ,नहीं खतरों से डरते।

जब लगती है चोट,छिपें माँ के आँचल में।

माँ की अद्भुत फूँक,ठीक करती है पल में।।

     डाॅ बिपिन पाण्डेय


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