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Goldi Mishra

Drama Others

4.0  

Goldi Mishra

Drama Others

बाबुल का आंगन

बाबुल का आंगन

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इस आंगन में बीता था बचपन मेरा,

यही सीखा मैंने जीवन जीना।

मां तुम्हें याद है जब मैं पहली बार गिरी थी,

सारी रात तुम्हारा पल्लू पकड़ कर सोई थी,

बापू जी आपको याद है वो मेरा स्कूल का पहला दिन,

कितना रोई थी मैं उस दिन।

इस आंगन में बीता था बचपन मेरा,

यही सीखा मैंने जीवन जीना।


मां आपके हाथ का वो आचार,

वो डाट और वो मीठा प्यार,

बापू जी आपका वो पुराने गीत गुनगुनाने का शौक,

और वो नुक्कड़ की दुकान से इमली खरीद कर देना हर रोज़।

इस आंगन में बीता था बचपन मेरा,

यही सीखा मैंने जीवन जीना।

आपने सिखाया जीवन में सही गलत क्या है,

आपने सिखाया असली जीत क्या है,

अपने कहा सपनों को देखो और पूरा करो,

ज़माने से ना डरो बेबाक आगे बढ़ो।



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