अवतार
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आ जइयो राघव अब करिओ न देर,अब तो फांसी लगी है।
चारों तरफ है भ्रष्टाचारी।
हो रई हैं कालाबाजारी।
रिश्वत ले रहे हैं अधिकारी।
देश के जो रखवारे वे बन गयें है चोर,अब तो फांसी लगी।
आ जइयो--------
माता-पिता गुरू की नहिं माने।
इतनों ऊंचों ज्ञान बखाने।
जैसे परम ब्रह्म को जाने। गांव-गांव पंथों के मच रयें हैं शोर,अब तो फांसी लगी है।
आ जइयो-------
संस्कार छूट गये।
यज्ञ हवन भूल गयें।
ऐसे मस्ताने भयें।
जीवन बर्बाद भओ।
लग पाई न डोर,अब तो फांसी लगी है।
आ जइयो------
आ जइयो राघव अब करिओ न देर, अब तो फांसी लगी।।