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Raghav Dixit

Action Inspirational

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Raghav Dixit

Action Inspirational

अतुल्य भारत

अतुल्य भारत

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यदि राम नाम को कहने वाले और नाम राम का लिखने वाले असहिष्णु है इस भारत में तो मैं राम नाम को लिखूंगा


मैंने जन्म आर्यवर्त में पाया जहां राम कृष्ण ने जन्म लिया 

मैं राम नाम के नारों से जग को आर्य बना दूंगा

..... मैं राम नाम के नारों से जग को आर्य बना दूंगा


तुमने राम कृष्ण के व्यक्तित्व को धार्मिक रूप है दे डाला

असहिष्णुता की जंजीरों से तुमने भारत को बंदी कर डाला

गीता जैसे महा ग्रंथ की तुमने तुलना किससे कर डाली

विषय रहा जो गौरव का तुमने उसमें हीन भावना भर डाली

छलाव भरी राजनीति से इस गौरव का मोल ना लगने दूंगा

..... मैं राम नाम के नारों से जग को आर्य बना दूंगा


जहां क्षण का भी प्रतिक्षण भरा हुआ था विज्ञान से

तुमने उस आर्यव्रत को भी जकड़ लिया अज्ञान से

जब तुम असफल हुए मिटाने में संस्कृति आर्यवर्त महान कि

तो तुमने लगा दी आग भारत में धर्म रूपी अज्ञान की

तुमने कालिदास को छीन कर शेक्सपियर पकड़ा डाला

देव भाषा के सम्मुख तुमने गूंगी भाषा को महान बना डाला


पंगु तुम्हारी संस्कृति को अब मैं भारत में नहीं फैलने दूंगा

......मैं राम नाम के नारों से जग को आर्य बना दूंगा


अहिंसा परमो धर्म बतलाने वाले वाले महा ग्रंथ के प्रति

                तुमने उपेक्षित भाव जगा डाला

बलस्य मूलं विज्ञानम् जैसे विज्ञान के महा ग्रंथ को तुमने

            कितनी चतुराई से धर्म ग्रंथ बना डाला


गिरजाघर के पादरियों को तुमने संज्ञा वैज्ञानिकों की दे डाली

वैज्ञानिक ऋषि-मुनियों की तुमने उपमा धर्मगुरु से कर डाली


सिंह समुद्रगुप्त को तुमने नेपोलियन कह डाला

विज्ञान गुरु नागार्जुन को तुमने आइंस्टीन बना डाला


जब हार गए तुम राम-कृष्ण से व्यक्तित्व की उपमा लाने में

तो तुम लगे पाखंड धर्म के नाम का गरुड़व्यूह फैलाने मे


राम कृष्ण की नगरी को अब कभी नहीं मैं छलने दूँगा

......मैं राम नाम के नारों से जग को आर्य बना दूँगा


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