अस्तित्व !
अस्तित्व !
स्त्रियों का अस्तित्व
कल भी कायम था,
आज भी कायम है
और कल भी यूँ ही
कायम रहेगा क्योंकि,
उनके भीतर की
उपजाऊ मिट्टी में
उम्मीद के बीज
उगते रहते है,
खुद ब खुद और
वो पनपते भी रहते हैं,
क्योंकि उसमें मौजूद
है पहले से ही नमी ही
नमी !