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Neer N

Abstract Tragedy Others

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Neer N

Abstract Tragedy Others

अस्तित्व....

अस्तित्व....

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सर्वशक्तिमान, बुद्धिमान और

सर्व गुण संपन्न कहलाने वाले,

हे पुरुष,

तुम दावा करते हो की

जानते हो स्त्री को,

नहीं,

तुम नहीं जानते

उसकी विशालता।

तुम तो उलझ भर कर

रह गए हो मात्र उसके

जिस्म की संरचना और

बिस्तर के बीच,

इससे आगे तो तुम

जा ही नहीं सके।

तुम कल्पना भी नहीं

कर सकते उसकी

विशालता और त्याग की,

उसके मन की सच्चाई,

निर्मलता और समर्पण की।

कभी सोच कर देखा ही नहीं,

जो स्त्री, सर्व गुण संपन्न, सर्व

शक्ति शाली और बुद्धिमान

पुरुष को अपनी कोख से

जन्म दे सकती है,

उस स्त्री को तुच्छ समझने

वाले, हे पुरुष,

मुझे लज्जा आती है,

तुम्हारे झूठे अहम पर,

तुम्हारी गिरी हुए सोच पर,

और तुम्हारे अस्तित्व पर।

जो खुद इस दुनिया में आने के

लिए आश्रित है एक स्त्री पर।


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