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Vihaan Srivastava

Abstract

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Vihaan Srivastava

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अस्तित्व और एहसास

अस्तित्व और एहसास

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हालात जैसी भी, आहें भरे

मुश्किल भले ही, निगाहे भरे

कमजोर होते, नहीं वो कभी

जो दृढता संयम, सें राहे भरे।


ताकत व हिम्मत, बढाते रहे

हसरत व उम्मीदें, लाते रहे।

हरदम नयापन ही, चाहत बने

हरदिन, ह्रदय को जगाते रहे।


जीवन कभी बोझ, माने नही,

जिदंदिली के,फसाँने नही,

जोखिम से भिड़ते नही जो कभी,

मकसद को,अब तक है जाने नही,


समझौते को आसरा, न कहे

संताप में बिल्कुल, न रहे 

दबती है दुनिया, दिलासो से भी,

हक की लडाई में, हठ न सहे,


विश्वास है तो ही,मुकाम हैं

मन में महत्ता ,तभी राम है

जरुरी नहीं ख्वाब, मिलते रहे

मंजिल में होने, कई काम है।


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