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Rishab K.

Abstract Inspirational

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Rishab K.

Abstract Inspirational

असर कर।

असर कर।

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कर मुक़ाबला तू ख़ुद से,

दुनिया की ना फ़िकर कर,

है जीतना तुझे कल से,

 तू आज का ज़िकर कर,


देख तू बस लक्ष्य अपना, 

मुसाफ़िर तू सफ़र कर,

ठाना है तो चढ़ जाएगा,

 कल को तू शिखर पर,


गर साँस भारी हो रही ,

थोड़ा रुक के तू सबर कर, 

पर मुड़ के तू ना देखना,

बस ख़ुद पे तू फकर कर,


और लेता जा हर तजुर्बा,

हुनर आएगा निखर कर, 

लोग बनना चाहे तुझ जैसा,

कुछ ऐसा तू असर कर।।



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