असफलता बनी पहचान.
असफलता बनी पहचान.
नाकामी के बोझ तले झुक गया बेचारा,
मंजिल पाने के लिए हुआ कॉवरा
अनेक असफलता ने बनाया उसे बावरा ,
लोगों ने और अपनों ने समझा उसे आवारा
परिवार ने समझा उसे एकदम नाकारा,
कभी कुछ नहीं करेगा ये बदनाम आवारा
सिर्फ बचा थी इधर कुआँ, उधर खाई,
चारों तरफ था मायूसी का अंधेरा
नाकामी का बोझ छूने लगा आसमान,
जीवन जीना नहीं था अब आसान
अभी सिर्फ बचा था असफलता का गुन-गाण,
लिख डाली जीवन के नाकामी की दास्तान
इस किताब का मिला था कद्रदान,
जीवन के असफलता की थी वो पहचान
असफलता की पहचान बनी बेचारे की शान,
असफलता ने ही नाकारा बना धनवान।