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SURYAKANT MAJALKAR

Romance

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SURYAKANT MAJALKAR

Romance

अरमाँ

अरमाँ

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और ये मदहोश जवानी।

किसीको न छोड़े दिवानी।


कब आस पूरी होगी मेरी।

कब से तड़पती है जवानी।


चले आओ शाम या सवेरा।

हो सूरज प्रकाश या अँधेरा।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

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