अपुन तो सब बड़ा लोग है
अपुन तो सब बड़ा लोग है
स्कुल जाते बच्चों को देखकर ,
मजदूर बच्चों ने सोचा
अपुन तो सब बड़ा लोग है
उन्हें वो पल भी याद हो आया
जब उनकी निगाहों ने भी
अपने चारों तरफ देखा
फिर सोचा था
अपने लिए तो स्कुल च ई रे बाबा
अपुन तो सब बड़ा लोग है
दोनों सोच को पैदा करने वाले
हम लोग आज भी
मजदूरी में लगाये बैठे हैं
तमाम बच्चों को
कभी सोचते ही नहीं
इनमे से ही कोई अब्दुल कलाम
भी बन सकता है
सोचते ही नहीं कोई अटल बिहारी हो सकता है
हमने सोचा क्यूँ नहीं ?
क्यूंकि अपुन तो सब
बड़ा लोग है.