अपनी-अपनी धारणा
अपनी-अपनी धारणा
अपनी-अपनी धारणा, अपनी-अपनी राह।
जीवन सहे दुख ताड़ना,मुख से निकले आह।।
अपनी-अपनी धारणा,अपना बांचे ज्ञान।
पड़े समय तब जानना, ज्ञानी की पहचान।।
अपनी-अपनी धारणा, अपनी-अपनी बात।
जीवन कहे क्यों हारना, यह मेरी औकात।।
अपनी-अपनी धारणा, अपने हैं आचार।
जग बीच रंक पालना,बनते सब लाचार।।
अपनी-अपनी धारणा, सब मानव के हाथ।
जीवन क्षणभंगुर कहे,जिलो मिलकर साथ।।
