राधा का कान्हा
राधा का कान्हा
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गोकुल पावन हो गई, लिया कृष्ण अवतार।
राधा का आधार है,आना यमुना पार ।।
सीख कालिया को दिया, भेजा मां से दूर।
राधा का आधार है, टूटा सर्प गुरूर ।।
खाए माखन रोज है,तोड़े गगरी जान ।
राधा का आधार है,नाचे नगरी श्याम।।
जब प्रकृति श्रृंगार करें, कृष्ण निहारे वाट।
राधा का आधार है, मिलना यमुना घाट।।
मटकी कान्हा फोड़ते ,फेंके कंकड़ मार।
राधा का आधार है, गोपी का उद्धार।