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Vimla Jain

Comedy Action Inspirational

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Vimla Jain

Comedy Action Inspirational

अपने संग मनाए यादगार पल

अपने संग मनाए यादगार पल

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समय था सुहाना सुहाना खुशियों का था वहां ठिकाना

रहते थे हम साथ साथ

सोचते थे हम हर खुशी को साथ

बैठे थे हम सब सारे साथ।

 सोच रहे थे क्या करा जाए आज।

 तभी आया मन में एक विचार।


कि क्यों ना इस बार दीपावली मनाई जाए अपने पीहर वालों के साथ।

भाई दूज मनाई जाए अपने भाइयों के साथ।

बस फिर क्या था चल दिए हम मनाने दीपावली यादगार साथ साथ

सासु मा ने ने देखा नहीं था मेरा पियर वे भी हुए आने को तैयार साथ साथ

तुम मन हुआ खुशी से बाग बाग

फिर रेलगाड़ी की मौज मनाते चल दिए हम सब साथ साथ औ

और लो चली मैं।


अपने कुनबे को साथ लेकर।

ससुराल से पियर की ओरचलीमैं।

सब साथ है तो सफर की क्या बात है।

आश्रम एक्सप्रेसमें साथ है।

खाने का टिफिन साथ है। 

तरह-तरह के पकवान बने हैं, पानी का कूल केज साथ है।


खूब सामान को लिए मैं।

आश्रम एक्सप्रेस की ओर चली मैं।

रेल यात्रा है सबको बहुत भाती।

बैठते ही सबको भूख लगा आती।

 क्योंकि खाने का जो मजा ट्रेन में है आता।

वह मजा घर में साथ बैठकर खाने में भी ना आता।


पराठे के साथ के अचार की महक है सबको भाती।

सबका मन ललचाती।

खाने का मजा दुगना कर देती।

छुक छुक चलती गाड़ी।

उसमें हिलता खाना,

खाने की प्लेट को पकड़े लोगों को आगे मनवार कर देते।

और फिर खुद खाना खाते। बहुत मौज मनाते।

अंताक्षरी के मस्ती।

खेलों की मस्ती।


तब तक रात पड़ जाती।

सब अपनी अपनी सीटों पर ले चद्दर तकिए पहुंच गए हैं सब अपनी जगहमें।

निंद्रा देवी की गोद में।

सुबह उठे तो जयपुर आया। उठा सामान

इकट्ठा कर कुनबे को साथ ले हम पहुंचे अपने घर।

नाना नानी देख बच्चों को सबको साथ बहुत ,बहुत खुश हो गए।

ऐसा लगा जैसे उनकी बुढ़ापे में जान आ गई।


अरे तुम कहां से आ गए।

इस दिवाली पर तो मजा ही आ गया।

हो सकता है भगवान ने तुम को सद्बुद्धि दे दी।

कि चलो यह दिवाली मां बाप के साथ मना लेते हैं।

नाना नानी के साथ मनाएं।

सब मिल खूब दिवाली मनाई।


5 दिन रुक वापस उसी ट्रेन में ससुराल की वाट पकड़ कर वापस घर को पहुंचे।

बहुत सुहाना यादगार सफर रहा है। 

पहली बार पूरे कुनबे के साथ पापा मम्मी के साथ दिवाली मनाई।

और रेलगाड़ी की मौज मनाई।


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