अपने रंग रंग दो कान्हा
अपने रंग रंग दो कान्हा
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देखो इस बार खुद को बचाना कान्हां,
राधा ने रंगोत्सव की करली तैयारियां
जहां जाए नज़र हमारी,
भरी है टेसुओं की क्यारी
अबीर गुलाल सब रंग फीके,
कृष्णा तेरा रंग चढ़े तो ना उतरे
गुझिया समोसा भगत जी बनाये,
भोग लगाने को तुन्हें देखो बुलाये
रंग दो मेरी भी कोरी चूनर,
हर गोपी की प्रार्थना मनोहर
छबीले कृष्ण मेरे भी घर आना
प्रेम का रंग इस बार पक्का लगाना
मोहे भावे वृंदावन की बृज माटी,
नंदकिशोर संग राधा यहां विराजती।