पूरी कायनात पा ली है
पूरी कायनात पा ली है
बात तो बस इतनी सी थी कि
उनको हमें पाना था
पर उनको जो पा लिया तो लगा
हमने पूरी कायनात पा ली है
उनके बिना रेगिस्तान सी थी अपनी हस्ती
वो जो मिल गये हैं हमें
तो ऐसा लगा जैसे सूखी रेत ने
रिमझिम एक बरसात पा ली है
मेरी खुशियाँ भी थोड़ी धुंधली थी
रात्रि में आने वाले ख्वाबों की तरह
पर अपने ख्वाब भी हकीकत होना चाहते
धुंधली खुशियों के कारवाँ भी खिलना चाहें
गुलाबों की तरह
मेरी जिंदगी में उनकी दस्तक
एक रोशनी सी है
ऐसा लगता है सारे अंधेरे अब दूर हुए
मैंने एक प्रभात पा ली है
जुबां खामोश थी
पर नजरें बहुत कुछ बोल गयी
बाकी रंग अब धुंधले से लागे
उनकी दस्तक मेरी जिंदगी में
मोहब्बत के रंग घोल गयी
बिना किसी बात के
बिना किसी हालात के
ऐसा लगता है जैसे
मैंने एक मुलाकात पा ली है।