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Swapnil Vaish

Crime Inspirational

5.0  

Swapnil Vaish

Crime Inspirational

कविता

कविता

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कब तक बिन लड़े कायरता दिखाएगा,

कब तक वीरों का ऐसे खून बहाया जाएगा |

सुन लो ऐ कायरों अब भागने का कोई फायदा नहीं,

तुम्हें तुम्हारे मुल्क की गोद से खदेड़ा जाएगा |


जिन्हें जीना था अभी शान से, उनको तुमने है मारा;

अब तुम्हें सांस लेना भी महँगा कराया जाएगा।

क्या उस नापाक देश के लिये तुम मरते मारते हो,

जो अपने शहीदों के शव लेने में मात्र शोक फरमाएगा।


अरे खुदा से डरो और दहशत को ना जिहाद बुलाओ,

तुम्हारा अब हुक्का पानी बंद कराया जाएगा।

१३० करोड़ भारतीयों का जल रहा लहू है,

कब तक वीरों का खून बहाया जाएगा।।


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