लम्हें जिंदगी के
लम्हें जिंदगी के
सच वह लम्हे बहुत याद आते हैं
बचपन के ...
जब रिमझिम बारिश की बूंदों में भीगते थे
जब दौड़ दौड़कर स्कूल में शोर मचाते जाते थे
जब नाप जाते थे कई किलोमीटर का सफ़र
जब ज़ोर का ठहाका लगाकर हँसते हँसाते थे ।
सच वह लम्हे बहुत याद आते हैं
लड़कपन के ..
जब पेड़ों की छाँव में बैठ जाता था सारा परिवार
जब मुस्कुराहट चेहरों का करती थी हौले से श्रृंगार
जब आस पड़ोस में एक दूजे के लिए दिलों में था प्यार
जब इंद्रधनुषी खुशियों से होते थे सारे प्यारे त्यौहार
सच वह लम्हे बहुत याद आते हैं ..
यौवन के ...
जब रेडियो में सुनते थे प्यारे सदाबहार गीत
जब आँखों ही आँखों में होती थी प्यारी प्रीत
जब दिल ही दिल में सपनों के महल बनते थे
जब मुट्ठी में सुनहरे तारों को लिए चलते थे .
सच वह लम्हे बहुत याद आते हैं
जिंदगी के .....
