अपने हाथ बिगारो
अपने हाथ बिगारो
पर्यावरण जागरूकता गीत (बुंदेली लोकधुन)
अपने हाथ बिगारो।
नहीं सोचो बिचारो।
Co2 को जो रहे सोखत।
औ बरखा को जो रहे रोकत।।
लकड़ी, औषधि, फल जो दे रए।
पशु पक्षिन को पेट जो भर रए।
उन पेड़न को काट डारो।
नहीं सोचो बिचारो।।
मैया कहके शीश नवायो।
नदियन पे तू बाँध बनाओ।।
करत रहे अपने मनमानी।
दूषित कर दयो नदियन पानी।।
कूड़ा-कचरा डारो।
नहीं सोचो बिचारो...
पॉलीथीन को जाल बिछायो।
सारी दुनिया में फैलायो।।
कैन,बाल्टी,बोतल,बर्तन।
जी से बन रहे कई उपकरण।।
रोगन नेवत पठायो।
नहीं सोचो बिचारो।।
अपने हाथ बिगारो
नहीं सोचो बिचारो।।