हम बेसिक के बच्चे
हम बेसिक के बच्चे
कभी किसी परेशानी से,
हम न घबराते हैं।
अपने हिस्से का सूरज हम,
स्वंय उगाते है।।
खेतों की पगडंडी पर हम,
दौड़ लगाते हैं।
कठिन परिश्रम से खुद को,
मजबूत बनाते हैं।।
जाते हैं स्कूल रोज हम,
ध्यान लगाकर पढ़ते हैं।
भले पले अभावों में,
पर ऊँचे सपने गढ़ते हैं।।
हर जिम्मेदारी अपने
कन्धों पे उठाते हैं।
अपने हिस्से का अनाज..
नहीं किसी से रखते ईर्ष्या,
नहीं किसी से द्वेष है।
हमको तो प्राणों से प्यारा,
लगता अपना देश है।।
दीन-हीन की सेवा में भी,
हाथ बटाते हैं।
अपने हिस्से का सूरज...
शांति-अहिंसा के अनुयायी,
अनुशासन के पक्के हैं।
पर कमजोर न हमें समझना,
हम वीर शिवा से सच्चे हैं।।
वक्त पड़े तो लक्ष्मीबाई,
बनकर दिखलाते हैं।
अपने हिस्से का..