“अपना बना लो”
“अपना बना लो”
नज़र से
छुपना चाहो तो
दिलों से
छुप नहीं सकते
कहीं भी
तुम चले जाओ
मेरे बिन
रह नहीं सकते
जुदा रहना
बड़ा मुश्किल
जुदाई
अब नहीं कटती
बिरह की
रात अंधियारी
बहुत लम्बी
नहीं कटती
तुम्हारे
बिन अधूरा है
नहीं कोई
गीत भाते हैं
चमन के
फूल भी सारे
नहीं कोई
मुसकुराते हैं
करो ना
बेरुखी मुझसे
मेरी हालत
को तुम समझो
तड़पता हूँ
तुम्हारे बिन
मेरी चाहत
को तुम समझो
चलो अब
बात तुम मानो
मेरे सपने
सजा दो तुम
नज़र के
सामने आओ
मुझे अपना
बना लो तुम
नज़र से
छुपना चाहो तो
दिलों से
छुप नहीं सकते
कहीं भी
तुम चले जाओ
मेरे बिन
रह नहीं सकते !!

