अपाहिज
अपाहिज
कहते हैं तेरे हाथों में ही तेरी किस्मत है
लोग लकीरों में तकदीर की खोज करते हैं।
क्या उनके बारे में सोचा है कभी,
जो बिना लकीरों के भी मौज करते हैं।
अक्सर सुना है कि कामयाब होना है तो,
खुली आँखों से तू सपने देखना सीख ले।
फिर उनके सपने कैसे पूरे हुए भला,
जिन्हें दुनिया देखने के लिए आँखें ना मिले।
सही सलामत रखे अपने पैरों को क्योंकि,
दुनिया भाग दौड़ की खेल में मशहूर है,
इतिहास में फिर भी देखा मैंने कि यहाँ,
बिना पैरों के भी एवरेस्ट पर चढ़ने वाले नूर है।
कहते हैं लोग जिसके पास कोई अंग नहीं,
वो इस दुनिया में एक अपाहिज है।
पर सच पूछो तो इनमें भी जीने की,
हमसे भी ज्यादा ख्वाहिश है।
पर दोस्तो, खो दिया हो तन जिसने,
वह मेरी नजर में अपाहिज नहीं है।
बल्कि हार गये मन से भी जो अपने,
मेरी नजर में असली अपाहिज वही है।।