अनोखा मिलन और शादी
अनोखा मिलन और शादी
उन्होंने खत लिखवाया किसी और से,
और नाम अपना डाल दिए।
मैं उनकी हैंडराइटिंग पहचानती हूं,
शायद उन्हें इतना भी नहीं पता,
लेकिन हम उनकी हैंडराइटिंग पहचान लिए।
खत में लिखा था,
तुम मुझे भूल जाओ।
किसी और से प्यार कर लो,
और अपनी एक प्यारी सी दुनिया बसाओ।
शायद वो मुझे भूल गए,
कि मैं उनसे प्यार करती थी।
क्या उन्हें कोई और मिल गई?
फिर मैं बेमतलब इंतजार करती थी।
खत पूरा पढ़ी नहीं,
आंखों में आंसू आ गए।
मेरे दिल के जज्बातों को,
क्यों झर झर बहा गए।
आंसू पोंछकर मैंने आगे पढ़ना शुरू किया,
अरे! यह क्या? उसने तो अपना जज्बात लिख दिया।
लेकिन उसके लिखने में जरा सी भूल हो गई,
वह खुद को जानता था पर मुझको भुला दिया।
अब मैं क्या जवाब लिखूं,
कि अभी भी मैं तुम्हारी ही हूं।
तुम्हारा प्यार ही पहला और आखरी है,
तुम्हें क्या पता मैं तुम्हारे इंतजार में कैसी हूं।
वह दिन भी आ गया,
जब उसको खत मेरा मिल गया।
सब कुछ छोड़ कर, परिवार का विरोध कर,
मुझसे मिलने वह मेरे घर आ गया।
हम दोनों के मिलन में एहसास भरा था,
हम दोनों का प्यार देख हर कोई नतमस्तक हुआ था।
हमारे प्यार को देख उसके घर वाले भी मान गए,
मुझे बहू बनाकर वह अपने घर ले गए।

