अनोखा बंधन दोस्ती का
अनोखा बंधन दोस्ती का
दुनियादारी से दूर अनोखा बंधन एक एहसास है दोस्ती,
ईमानदारी की खुशबू से सराबोर एक विश्वास है दोस्ती,
अनजान दुनिया की इस भीड़ में एक पहचान है दोस्ती,
जहां हर तकलीफ छोटी हो जाती ऐसा मुकाम है दोस्ती,
जब दोस्तों की महफ़िल जमती तो रंग मस्ती के उड़ते हैं,
खून का रिश्ता नहीं फिर भी दोस्त जान से प्यारे होते हैं,
दोस्ती वो खुशबू है जो जीवन की बगिया महका देता है,
सच्ची दोस्ती मिल जाती जिसे वो तो खुशनसीब होता है,
धरती पर जन्नत का एहसास होता जब दोस्त होते साथ,
बिना कहे ही समझ जाते हैं एक दूसरे के दिल की बात,
फर्क नहीं पड़ता सच्ची दोस्ती पर दोस्त दूर रहें या पास,
धरा पर खुदा का रूप है दोस्ती है एक खूबसूरत सौगात,
जीवन में कितना खास बन जाता है एक अजनबी चेहरा,
ख्वाहिश रहती है कि वही दोस्त मिले हर जन्म में दोबारा,
दोस्ती में एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को रहते तैयार,
दुनिया की बंदिशों से आज़ाद होता है दोस्ती का ये संसार,
हर किसी के जीवन में कोई ना कोई सच्चा दोस्त होता है,
जिससे हर बात कह पाते हम जो दिल के क़रीब होता है,
आंखों में आंसू आने से पहले चेहरे पे मुस्कान ले आता है,
दिल की आवाज़ सुन कर उदासी में भी प्यार ढूंढ लेता है,
चांद सितारों सी लगती है दुनिया सच्चे दोस्त की संगत में,
दोस्ती ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफा है इस कुदरत में,
दोस्ती अमीरी, गरीबी, जात पात के बंधन से मुक्त होती है,
विश्वास के धागों से बंधी ये दोस्ती अनमोल दौलत होती है।