अनकहे रिश्ते
अनकहे रिश्ते
कोई डोर सी बंधी है,
मेरे और उसके बीच।
शब्द , भाव रहते हमेशा शांत,
फिर भी मन ,मन को लेता खींच।
अनकहे रिश्ते में जैसे,
बंधे हुए हैं हमदोनों।
चल रहा है क्या अंतर्मन में,
बिन कहे जान जाते हमदोनों।
जरूरत नहीं हमें इस
दुनिया को कुछ दिखाने की।
है कितनी गहराई रिश्ते में,
ये किसी के सामने जताने की।

