अंदाज ...
अंदाज ...
हर एक बात को कहने का,
अंदाज ज़रा अलग है !
तुम्हारी सोच अलग,
मेरे जज़्बात अलग हैं !
अपने अपने तरीके से
उलझते हैं सब उलझनों से,
तुम्हारा हाल अलग,
मेरे हालात अलग हैं।
मंदिर मस्जिद जाते हैं
मिलने सब खुदा से,
मैं यूं ही मिल लेती हूं,
मेरी मुलाकात अलग है।
हर एक बात को कहने का
अंदाज ज़रा अलग है!
तुम्हारी सोच अलग,
मेरे जज़्बात अलग हैं !
