अलविदा 2020
अलविदा 2020
नववर्ष में हार्दिक आशाएं पूरी हो,
चाहे कितनी भी दूरी हो।।
सामाजिक दूरी की मजबूरी हो,
मास्क चेहरे पर जरूरी हो।
दो हजार बीस के अनंत किस्से,
आया क्या हमारे तुम्हारे हिस्से।।
कोरोना काल में अनगिनत तरसते रिश्ते,
जान नहीं पाए राज ईश्वर के फरिश्ते।।
कोरोना से निजात कब मिलेगी,
वैक्सीन जब सबके लगेगी।।
जनता मास्क व दूरी रखेगी,
संक्रमण से तब ही बचेगी।।
राम मंदिर की रखी नींव रखी,
हर्षित मनुज और हर जीव।
भक्तों को होंगे दर्शन सजीव,
राम भक्तों के है करीब।।
बिहार में क्या गुल खिला!
नीतीश के साथ कमल खिला।
तेजस्वी रिकॉर्ड रैलियों को कैसा मिला सिला!
कांग्रेस भी नहीं बचा पाई उनका किला।
दिल्ली दंगे का नहीं भूले थे अंश,
अन्नदाता अब झेल रहे राजनीति का दंश।
सड़कों पर किसानों के है वंश,
पेट भरने वाले यह है दिव्यांश।।
जाते जाते यह साल क्या कह रहा है,
दुनियां में महामारी का दौर चल रहा है।
जान है तो जहान कह रहा है,
स्वस्थ रहें हम यही मंगलकामना कर रहा है।।
स्वास्थ्य,सुख,समृद्धि,सेयश कीर्ति फैंले।
मन साफ हो जो थे अब तक मैंले।
इक्कीस में ना हो ऐसे झमेले,
लगे हर ओर खुशियों के मेले।।