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Vibha Rani Shrivastava

Tragedy

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Vibha Rani Shrivastava

Tragedy

अखियन पोखर भई

अखियन पोखर भई

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नियति ने क्रूर पासा शकुनि से पैंचा लिया

दिनोदिन गुरु-पिता अशक्त हो रहे थे

रोगी डोला में डालने पर मजबूर किया

एक देश के तीन राज्य से चार बेटियाँ

अपने होने का एहसास करा रही थीं

तनकर खड़ी थी एक लड़ी में बन्ध अड़ी थी

उनके संग आभासी जगत से मददगार खड़े थे

नियति के संग रस्साकशी जारी है

कुछ दिन बहुत भारी है...


रोगी डोला =स्ट्रेचर


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