STORYMIRROR

Pinky Dubey

Inspirational Others

4  

Pinky Dubey

Inspirational Others

अकेले रहो खुश रहो

अकेले रहो खुश रहो

1 min
518

हम ज़िंदगी में अकेले ही आते है

और अकेले ही चले जाते है

ज़िंदगी में कोई रिश्ते उपर वाले बनाते है

तो कोई रिश्ते हम खुद बनाते है

ज़िंदगी आगे बढ़ती चली जाती है

कभी अपने बने पराए और कभी पराए बने अपने

ज़िंदगी कभी भी मोड़ ले लेती है

कभी कभी अपने दुश्मन बन जाते है

कभी अपने ही ऐसा छुरा मारते है की

सँभालते सँभालते पूरी ज़िंदगी निकल जाती है

ज़िंदगी बहुत कठोर है

मालूम नहीं कब बदल जाए

ज़िंदगी बहुत परीक्षा लेती है

कहने को तो होता है सबका परिवार

मगर इंसान अकेला ही आता है और अकेला ही चला जाता है

ज़िंदगी है अधूरी और अकेली

इसलिए अकेले रहो

मत रखो किसी पर उम्मीद

क्योंकि दिल टूटने पर बहुत दर्द होता है

अकेले रहो खुश रहो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational