STORYMIRROR

Ervivek kumar Maurya

Romance

4  

Ervivek kumar Maurya

Romance

अकेला कर के न जाओ जी

अकेला कर के न जाओ जी

1 min
208

मुझे अकेला कर के न जाओ जी

आओ मेरे करीब आओ जी

बहुत हो गया तुमसे दूर रहते रहते

आओ मेरे पास न शरमाओ जी


अभी चलना है तो चल दे 

मेरे पास रहना है तो रह ले

तुझे चाँद तक लेके चलूँगा

आओ मेरे जान जल्द आओ जी


चुन चुन के जिंदगी चुन ली है

हँस हँस के गम की अंधेरी छट ली है

जा जा तुझे तुझ तक पहुँच जायेगा दिल मेरा

आ आ मेरे जिंदगी में आओ जी


आ झटपट तू मेरे साथ चल ले

दौड़े सरपट एक दूजे के हाथ थाम ले

चूम ले तू मुझे ,मैं तुझे चूम लूँ

हर वादे को साथ मिलके निभाओ जी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance