STORYMIRROR

Amit Kumar

Tragedy

3  

Amit Kumar

Tragedy

अजनबी

अजनबी

1 min
193


कुछ दूर साथ चलकर

अजनबी भी अपने हो गये

और जो अपने होने का 

दावा करते रहे

वो बस दूर होते गये,

तुम नही तो तुम्हारी

बातें ही याद रहें

कुछ तो ऐसा करो

ज़िन्दगी आसान होती रहे

शिक़वे किसे नही और

किससे नही है

यहां दुश्मनों के रास्ते में

बस हिस्सें नही है

जो भी आता है वो

बस अपनापन ज़ाहिर कर

हमें आजमाने का हुनर चाहता है

तू ही कह मेरे खुदा

क्या इसका रास्ता है।

         


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy