अजनबी
अजनबी
कुछ दूर साथ चलकर
अजनबी भी अपने हो गये
और जो अपने होने का
दावा करते रहे
वो बस दूर होते गये,
तुम नही तो तुम्हारी
बातें ही याद रहें
कुछ तो ऐसा करो
ज़िन्दगी आसान होती रहे
शिक़वे किसे नही और
किससे नही है
यहां दुश्मनों के रास्ते में
बस हिस्सें नही है
जो भी आता है वो
बस अपनापन ज़ाहिर कर
हमें आजमाने का हुनर चाहता है
तू ही कह मेरे खुदा
क्या इसका रास्ता है।