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Shirish Pathak

Romance

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Shirish Pathak

Romance

अजीब सी कशमकश

अजीब सी कशमकश

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आज जैसी खुश तुम पहले नहीं थी

और आज जैसी चिंता भी तुमने पहले नहीं दिखाई

 

आज जब तुम मिली ख़ुशी थी तुमको

शायद इस बात की ख़ुशी थी की हम आज फिर मिलेंगे

ख़ुशी इस बात की भी रही होगी तुम अपनी

नजरों से आज मुझे नज़रबंद करना चाहती थी

और कामयाब भी हुई तुम

 

आज जब भी मेरे साथ बैठ रही थी तुम

तुमको सुकून भी था और ख़ुशी भी थी

शायद तुमको यकीन हो गया है मैं

सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा हूँ

चाहे जो हो जाए मेरा साथ बस तुम्हारे लिए है

 

ये अजीब सी कशमकश थी तुम्हारे अंदर

तुम खुश तो थी पर चिंता भी साफ़ थी तुम्हारे चेहरे पे

तुमको शायद ये चिंता सताने लगी है

कही हम एक दुसरे के साथ खुश नहीं रह पाए तो

 

हाँ ये चिंता करना सही है तुम्हारा

डरना भी कहीं न कहीं चाहिए हमको

पर जानती हो न तुम मेरे लिए ज़रूरी बस तुम हो

और खासियत है ये तुम जानते हुए

अनजान बने रहना चाहती हो

 

अक्सर तुमको खुद में खोते हुए देखना चाहता हूँ

मगर तुम खो जाती हो न जाने किस जगह

और मैं बस तुम्हारी हँसी में गुम हो जाता हूँ


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