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dr vandna Sharma

Drama Inspirational

5.0  

dr vandna Sharma

Drama Inspirational

ऐसा भी होता है कहीं

ऐसा भी होता है कहीं

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मौसम सावन का हो और बहार न हो

ऐसा भी होता है कहीं, नहीं होता ना

त्यौहार तीज का हो और झूले ना हो

ऐसा भी होता है कहीं, नहीं होता ना।


घर से तो निकले मंजिल की ओर

और राह ना मिले

ऐसा भी होता है कहीं, नहीं होता ना।


फूलों का गुच्छा हो और कोई काँटा न चुभे

बादलों की गड़-गड़ हो बारिश ना हो

ख़ुशी से शोर मचाऊँ और कोई वज़ह ना हो

ऐसा भी होता है कहीं, नहीं होता ना।


क्रिया हो और प्रतिक्रिया ना हो

परिणाम हो और कारण ना हो

बसंत तो आये पर जाए ना कहीं

ऐसा भी होता है कहीं, नहीं होता ना।


होता है, होता है

मेरे सपनों की दुनिया में

कुछ भी हो सकता है

ऐसा भी होता है, वैसा भी होता है।


जैसा भी होता है अच्छा ही होता है

तो फिर गम क्या, हँसते रहो, हँसाते रहो

ऐसा भी होता है कहीं, नहीं होता ना।।


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