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Vishwa Prakash Gaur

Romance

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Vishwa Prakash Gaur

Romance

अहसास

अहसास

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तुम्हारे साथ गुजरा हर पल,

मुझे अहसास कराता है,

तुम्हारी बेहिसाब खूबसूरती का,

तुम मेरी सोचों में प्रतिपल,

खूबसूरत और खूबसूरत होती जाती हो।


तुम्हारी यादें विवश करती हैं- सोचने के लिए,

तुम्हारी शहदीली बातों को,

तुम्हारी नशीली आंखों को,

तुम्हारे मरमरी जिस्म से उठती,

वो सोंधी सी खुशबू,


मुझे विवश करती है-सोचने के लिए,

तुम्हारी मदमाती अदाओं को,

काली मतवाली घटाओं को

और मैं खो जाता हूँ -तुम्हारी यादों में,

इन सबके बीच - तुमसे मिलने की कशिश,

तीव्रतम और तीव्रतम होती जाती है।   


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