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GENIUS BOY RAM

Inspirational Others

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GENIUS BOY RAM

Inspirational Others

।। अहमस्मि योधः ॥

।। अहमस्मि योधः ॥

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मैं योद्धा हूं पुरुषार्थ का अंश हूं

मुझमें शक्ति थी, नभ को भेदने की

बादल को, धरा पर टेकने की।।


मैं अड़ा रहा, मैं खड़ा रहा

काल के आगे डटा रहा

पत्थर के दो दो टूक हुए

 काल भी मेरे वशीभूत हुए।।


समय एक न रहता

शांत शिव भी तांडव करता

हे वीर ! वही जो हथियारों, से प्रेम करे

अपने भुजबल के प्रभुत्व पर यकीन करें।।


साहस, त्याग, धैर्य, मनोबल

चार श्रृंगार हैं, वीरों के

क्षमा, दया भी उसे शोभता,

जो शोभित हो, धीरों में ।।

हे वीर! उठो विजय की ललकार करो,

पथ हो टेढ़ी मेढ़ी फिर भी, पथ पर सिंहनाद करो।।

रणभूमि में चंडी नाचे, नाचे खप्पर वाली काली,

उनको बली अर्पित करने को, दुश्मन का संहार करो,

 है वीर! उठो विजय की ललकार करो।।



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