अधूरी सी ख्वाहिश
अधूरी सी ख्वाहिश


यूँ तो मेरी हर ख़्वाहिश को पूरी किया है तूने।
मलाल इतना है कि बीते वक़्त में मैं ही तेरे साथ होती।
प्यार की हद से ज़्यादा चाहत है तेरी,
मैं जानती हूँ,
मगर तुझे पहले मिली होती तो कुछ और ही बात होती।
वो बेचैनी के दिन गुज़ारे होते, मेरे ही साथ तूने
वो तन्हाई की रातों में मेरी ही बात होती।
तेरे खयालातों में मैं हूँ, और मैं ही बस रहूँगी,
इल्म है मुझे,
तेरी यादों में होती तो अलग ही बात होती।