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Disha Gaur

Inspirational

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Disha Gaur

Inspirational

सुनो ओ मेघ

सुनो ओ मेघ

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सुनो ओ मेघ!

आओ बरसो पर

धो दो दिलों के मैल,

बाँध दो अजनबियों को,

अपनी चाँदी की डोरी से।


भीगा दो तन मन को यूँ,

की मन में कोई न बैर रहे,

कर दो मदमस्त सा यूँ की,

आज कोई न गैर रहे।


होने दो जो गिला सब को 

आज नहीं है फ़िक्र कोई,

दिल पसीज जाए यूँ की,

सबकी हमको फ़िक्र रहे।



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