अधूरी चाहतें
अधूरी चाहतें
बिन तेरे ,
सांसे तो न थमी ।
मगर
सच कहें ,
तो फिर से जिया भी न गया ।
चांद को है ख़बर ,
कि मैंने कितनी करवटें बदली ,
है चिराग़ों को भी मालूम ,
कितनी रातों से मुझसे ,
सोया भी न गया ।
बिन तेरे ,
सांसे तो न थमी ।
मगर
सच कहें ,
तो फिर से जिया भी न गया ।
चांद को है ख़बर ,
कि मैंने कितनी करवटें बदली ,
है चिराग़ों को भी मालूम ,
कितनी रातों से मुझसे ,
सोया भी न गया ।