STORYMIRROR

Dinesh Dubey

Abstract

3  

Dinesh Dubey

Abstract

अधूरे ख्वाब

अधूरे ख्वाब

1 min
241


कुछ ख्वाब अधूरे ही अच्छे होते हैं 

जिसमे कुछ अच्छे लम्हे होते हैं 

हम अपनी चाहत के साथ होते हैं 

जो हकीकत में भी ख्वाब ही होते हैं 

हम उनके साथ अठखेलियां करते हैं 

और पता नही क्या क्या कर जाते है 

अपने मन की मुराद पूरी कर पाते है

पर उन्हे अधूरे ख्वाबों में ही पाते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract