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Vaibhav Dubey

Romance

4  

Vaibhav Dubey

Romance

अद्भुत मिलन

अद्भुत मिलन

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तान छेड़े श्याम सुंदर जब नदी के सामने

है मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने


ढल रही है रात धीरे बात कुछ होती नहीं

देखकर यह दृश्य सुंदर अर्कजा सोती नहीं

चल हवा तू धीर धर के ध्यान ना टूटे अभी

है अहम में बांसुरी अब श्याम के अधरों सजी


टूट न जाये ये सरगम बन्दगी के सामने

है मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने


जल की कलकल थम गई है चाँद तारे खो गए

दो नयन ऐसे मिले के दो नयन के हो गए

देखकर अद्भुत मिलन ये थम गया जैसे समय

हो गया कण कण धरा का श्याम राधा प्रेम मय


अनवरत चलता रहा क्रम चांदनी के सामने

है मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने


पुष्प अर्पित कर रहे हैं सब गगन के देवता

स्वर्ग आया है धरा पर श्याम की है अर्हता

खो गए एक दूसरे में हो मगन राधारमन

वासना से दूर है ये प्रेम का पावन मिलन


इक हृदय दर्पण बना है मोहिनी के सामने

हैं मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने



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