अच्छाई और बुराई
अच्छाई और बुराई
अच्छाई और बुराई दोनों ही मनुष्य में हैं।
मनुष्य दोनों का मिश्रण है।
सभी प्राणियों में पुण्य और बुराई
की शक्तियां समाहित हैं।
यह बुराई का संयम और
सद्गुण का सक्रिय अभ्यास है
जो मनुष्य को अन्य सभी
प्राणियों से ऊपर उठाता है।
क्रोध एक ऐसा आउटलेट है
जिसके माध्यम से क्रूरता,
कठोरता, दर्द, हानि, प्रतिशोध,
हिंसा, युद्ध और विनाश उभरता है।
जब क्रोध पर काबू पा लिया जाता है,
तो आपकी समझ स्पष्ट हो जाती है
और विवेक सक्रिय हो जाता है।
आप सही और गलत के बीच
चयन करने में सक्षम हो जाते हैं।
आप नैतिक सत्यता के संकीर्ण,
सीधे रास्ते पर बिना किसी
भ्रम के आगे बढ़ते हैं।
