अभिनन्दन
अभिनन्दन
जिस अद्भुत साहस से तुमने
दुश्मन जन पर वार किया,
देश-सुरक्षा की खातिर जब
उन पर अथक प्रहार किया,
उस अप्रतिम शौर्य साहस से
पूरा राष्ट्र हो गया चन्दन
हो भारत के कर्णधार तुम
स्वागत वंदन अभिनन्दन !
दुश्मन के घर में जाकर फिर
अपना फ़र्ज़ निभाये हो
लाज रखी उस मिट्टी की भी
जिसमें जीवन पाये हो,
राष्ट्रभक्ति से जांबाजी से
महक रहे जैसे चन्दन
हो भारत के कर्णधार तुम
स्वागत वंदन अभिनन्दन !
तुम दुश्मन के कठिन वार को
सीने पर यूँ झेल गए,
देश-सुरक्षा की खातिर ही
अपना जीवन खेल गए,
शक्तिमान,अद्भुत हो तुम तो
सफल कर दिया है जीवन
हो भारत के कर्णधार तुम
स्वागत वंदन अभिनन्दन !
गौरवशाली गाथा हो तुम
साहस की परिभाषा हो
जन-जन के बुझते मन की तुम
एक अनोखी आशा हो,
कर्मठता की दिव्यदृष्टि हो
आह्लादित है हर तन-मन
हो भारत के कर्णधार तुम
स्वागत वंदन अभिनन्दन !
राष्ट्रहितों के लिए हमेशा
तुम्हें पुकारा जाएगा,
शौर्य भरे अद्भुत साहस का
लेख स्वर्ण हो पाएगा,
अब से कोई शीश कटे ना
रहे सुरक्षित हर नन्दन
हो भारत के कर्णधार तुम
स्वागत वंदन अभिनन्दन !