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Sampada Mishra

Tragedy

3  

Sampada Mishra

Tragedy

जनता है भगवान

जनता है भगवान

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जनता है भगवान

बोलो राम राम राम!


चुनाव देखकर नेता आते

वादों का अंबार लगाते

पानी, बिजली, साफ सफाई

को अपना मुद्दा बतलाते

भोली भाली जनता को वे 

मौका पाकर खूब रिझाते

बात-बात पर वंदन करते

करते उन्हें प्रणाम।

बोलो राम राम राम!


लोकतंत्र के रक्षक बनते

जनता के वे भक्षक बनते

स्व हित के कारण नेतागण

जनता के संरक्षक बनते

आत्म प्रशंसा से न थकते

जनहित की बस चिंता करते

बात बात पर नेतागण 

जन का करते गुण गान

बोलो राम राम राम!


जाति धर्म को अस्त्र बनाते

क्षेत्रवाद को शस्त्र बनाते

अपने चन्द हितों के कारण

खुद को एकदम भ्रष्ट बनाते

मुद्दों का बस क्रन्दन करते

खुद को हष्ट पुष्ट बनाते

अस्त्र शस्त्र के चक्रव्यूह में

लोकतन्त्र को पस्त बनाते

जनता की अगुआई करते

जपते हरदम जन नाम

बोलो राम राम राम!


नेताजी तब तक दिखते

जब तक होता दंगल

फिर योजनाओं के लाभ से 

करते अपना मंगल

दंगल मंगल की आपाधापी से

बन जाता जंगल,

जंगल मे खूब विचरण करते

फिर मचता कोहराम

बोलो राम राम राम!



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